सात महीने से बंद एशिया के सबसे लंबे जोशीमठ औली रोपवे का फिर शुरू हुआ संचालन

उत्तराखंड में पिछले 7 महीने से बंद पड़े के जोशीमठ औली रोपवे (Joshimath Auli Ropeway) का संचालन शुरू कर दिया गया है। जिसके चलते यहां एक बार फिर से पर्यटकों की भीड़ उमड़ने लगी है। अब यहां आने वाले पर्यटक रोपवे के जरिए जोशीमठ से औली के बीच वादियों को निहार सकेंगे। बदरीनाथ धाम में दर्शन के लिए आने वाले श्रद्धालुओं में भी रोपवे के शुरू होने से काफी उत्साह देखने को मिल रहा है।

अनलाॅक-5 में चारधाम यात्रा के लिए मिली छूट और श्रद्धालुओं की बढ़ती हुई संख्या को देखते हुए गढ़वाल मंडल विकास निगम और प्रदेश सरकार ने निर्णय लिया है कि रोपवे का संचालन शुरू कर दिया जाना चाहिए। जिसके चलते श्रद्धालुओं के लिए इसका संचालन शुरू कर दिया गया। इस रोपवे से पर्यटकों को गढ़वाल में हिमालय के सबसे ऊंचे हिमशिखर नंदा देवी के साथ ही अन्य 14 हिमशिखरों का खूबसूरत नजारा देखने को मिलता है। कोरोना के चलते पिछले 7 महीने से पर्यटक इसका लुत्फ नहीं उठा पा रहे थे।

रोपवे केबिन में एक बार में 25 पर्यटक बैठक सकते हैं। इसकी लंबाई की बात करें तो यह एशिया का सबसे लंबा रोपवे है। इसमें रोपवे पर दस टावर लगे हुए हैं। यह 4.15 किलोमीटर लंबा रोपवे जोशीमठ से औली तक के बीच बना हुआ है। इसे 1994 से संचालित किया जा रहा है। यहां रोजाना सैंकड़ों पर्यटक इसका लुत्फ उठाने के लिए पहुंचते हैं। गढ़वाल मंडल विकास निगम को इस रोपवे से करोड़ों रुपयों का कारोबार होता है। रोपवे प्रबंधन के अनुसार 7 महीने बाद रोपवे का संचालन शुरू कर दिया गया है।

औली में रोपवे के संचालन के शुरू हो जाने से पर्यटन क्षेत्र को भी नई उड़ान मिलेगी। पिछले 7 महीने से मंदी की मार झेल रहे गढ़वाल मंडल विकास निगम को एक बार फिर लाखों रुपयों की कमाई इस रोपवे से होने लगेगी। इसके साथ ही पर्यटक भी यहां की वादियों को रोपवे में बैठकर निहार सकेंगे। बताते चलें कि इस रोपवे की नींव 1982 में रखी गई थी। चारधाम यात्रा के लिए आने वाले श्रद्धालु व पर्यटकों के बीच यह रोपवे आकर्षण का केंद्र रहता है।

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(Tourism News from The Himalayan Diary)

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