पालमपुर के बंदला में प्रकृति की अद्भुत खूबसूरती के बीच बसा है माता विंध्यवासिनी का मंदिर

Vindhyavasini Temple Palampur

हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा जिले का लोकप्रिय हिल स्टेशन पालमपुर पर्यटकों के बीच खास स्थान रखता है। यहां का सुहावना मौसम, मनोरम वादियां, बर्फीली पहाड़ियां, हरी-भरी वादियां, चाय के बगान और शीतल मधुर हवा पर्यटकों को काफी रास आती है। पालमपुर की इसी अनुपम छटा के बीच धौलाधर के आंचल में माता विंध्यवासिनी का मंदिर (Vindhyavasini Temple Palampur) बसा हुआ है। इसकी समुद्रतल से ऊंचाई लगभग 6900 फीट है। दूर दूर से श्रद्धालु माता विंध्यवासिनी के मंदिर पहुंचते हैं। माता विंध्यवासिनी का मंदिर क्षेत्र के लोगों की आस्था का केंद्र है। यहां हर साल शरदकालीन नवरात्रि में शतचंडी यज्ञ का आयोजन किया जाता है।

बता दें कि पुराणों में मां विंध्यवासिनी के ऐतिहासिक महात्म्य का अलग-अलग वर्णन मिलता है। शिव पुराण में मां विंध्यवासिनी को सती माना गया है, तो श्रीमद्भागवत में नंदजा देवी कहा गया है। मां के अन्य नाम कृष्णानुजा, वनदुर्गा भी शास्त्रों में वर्णित हैं। कृष्णानुजा का अर्थ है – ‘भगवान कृष्ण की बहन।’ शास्त्रों के अनुसार माता देवकी के आठवें गर्भ से भगवान कृष्ण ने जन्म लिया था। वहीं माता यशोदा के गर्भ से पुत्री ने जन्म लिया था। हालांकि वासुदेव जी ने दोनों को बदल दिया था। बाद में जब कंस ने नवजात कन्या को देवकी की आठवीं संतान समझ कर मारना चाहा तो वह कन्या अचानक कंस के हाथों से छूटकर आकाश में पहुंच गई और कंस के वध की भविष्यवाणी की। मान्यता है कि वह दिव्य कन्या मां विंध्यवासिनी हैं।

माता विंध्यवासिनी के मंदिर के आसपास का प्राकृतिक सौन्दर्य अपने आप में अद्भुत है। यहां प्रकृति की खूबसूरती के अलौकिक दर्शन होते है। इस दौरान आपको ऐसा लगेगा जैसे आप किसी स्वर्गलोक में आ गए हों। यह मंदिर पालमपुर में बंदला नाम की जगह पर है। इस वजह से स्थानीय लोग इन्हें बंदला माता भी कहते हैं। बंदला के पास से ही न्यूगल नदी भी बहती है। माता विंध्यवासिनी के मंदिर आने के सबसे सही समय मार्च से लेकर नवम्बर के बीच का माना जाता है। हालांकि बरसात के समय में भूस्खलन के कारण कई बार रास्ते बंद भी हो जाते हैं।

कैसे पहुंचे Vindhyavasini Temple Palampur

माता विंध्यवासिनी के मंदिर तक पहुंचने के लिए बंदला गांव पहुंचना होता है। पालमपुर से बंदला गांव की दूरी महज तीन किलोमीटर है, जिसे पैदल या वाहन की मदद से आसानी से पूरा किया जा सकता है। पालमपुर से निकटतम हवाई अड्डा लगभग 38 किलोमीटर दूर गग्गल में है। पालमपुर से नजदीकी बड़ा रेलवे स्टेशन लगभग 112 किलोमीटर दूर पठानकोट में है। यह स्टेशन भारत के कई प्रमुख शहरों से सीधा जुड़ा हुआ है। पालमपुर से 2 किलोमीटर दूर मरंडा में छोटी लाइन का स्टेशन है। सड़क मार्ग द्वारा भी पालमपुर आसानी से पहुंचा जा सकता है। पालमपुर के लिए मंडी, धर्मशाला और पठानकोट जैसे शहरों से निजी और राज्य परिवहन की बसें उपलब्ध हैं।

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(Religious Places from The Himalayan Diary)

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