उत्तराखंड में दुनिया की सबसे खूबसूरत डरावनी जगह कहा जाता था माउंट एबट

Abbott Mount

उत्तराखंड के चंपावत जिले में प्रसिद्ध पर्यटन स्थल माउंट एबट (Abbott Mount) है। यह चंपावत जिले में लोहाघाट से लगभग 8 किलोमीटर दूर काली नदी के पास बसा है। माउंट एबट को अंग्रेजों ने ब्रिटिश शासन काल में बसाया था। माउंट एबट वैसे तो बेहद खूबसूरत हिल स्टेशन है, लेकिन इसे दुनिया की सबसे डरावनी जगहों में से एक भी माना जाता था। माउंट एबट को जॉन हेरॉल्ड एबॉट ने बसाया था। उनके नाम पर ही इस जगह का नाम पड़ा। इस खूबसूरत स्थल से नजारा देखने लायक होता है। यह कुमाऊं इलाके में हिमालय की गोद में सबसे लंबी, ऊंची और चौड़ी पर्वत श्रंखला है। इसके टॉप पर एक खुला मैदान है, जहां ब्रिटिश शासन काल के समय की करीब 16 पुरानी हवेलियां हैं।

यहां से जुड़ी कई तरह की भुतही कहानियां (Abbott Mount Haunted Story) भी प्रचलित हैं। इन्हीं जगहों में से एक जगह ऐबी नामक एक बंगला है। इस बंगले के बारे में मान्यता है कि इसका नाम 1900 के दशक में इसके मालिक के नाम पर रखा गया था। बाद में इस बंगले को एक हॉस्पिटल में बदल दिया गया। इस हॉस्पिटल में मौरिस नाम का एक डॉक्टर काम करता था। डॉक्टर मौरिस मरीज को पहले ही बता देता था कि वह मरने वाला है। इसके बाद वह उस मरीज को पास में ही बने एक मुक्ति-घर भेज देता था और अगली सुबह ही उस मरीज की मौत हो जाती थी। हालांकि लोगों का यह भी कहना है कि डॉक्टर मौरिस ही मुक्ति-घर में जाकर मरीजों को मारता था। ऐबी बंगले के आसपास की जगह को लोग भूत-प्रेत और मृत आत्माओं का गढ़ मानते थे। कहा जाता है कि यहां रात में दो आत्माओं को टहलते हुए कुछ लोगों ने देखा था।

एबट माउंट से 22 किमी दूर चंपावत एक ऐतिहासिक शहर है। मान्यता है कि इसी जगह पर भगवान विष्णु ने कूर्म यानी कछुए का अवतार लिया था। इसी से यहां का नाम कूर्मांचल पड़ा, जिसका अपभ्रंश बाद में ‘कुमाऊं’ हो गया। चंपावत में पर्यटकों को वह सब कुछ मिलता है जो वह एक हिल स्टेशन से चाहते हैं। वन्यजीवों से लेकर हरे-भरे मैदानों तक और ट्रैकिंग की सुविधा, सभी कुछ यहां पर है। इसके अलावा लोहाघाट भी काफी संख्या में लोग घूमने के लिए पुहंचते हैं। एबट माउंट के आसपास कई प्रसिद्ध धार्मिक स्थल भी मौजूद हैं।

कैसे पहुंचें Abbott Mount

माउंट एबट उत्तराखंड के चंपावत जिले के प्रसिद्द स्थल लोहघाट से लगभग 8 किमी दूर काली नदी सीमा के पास कुमाऊं पहाड़ियों के पूर्वी हिस्से में स्थित है। लोहाघाट से निकटतम रेलवे स्टेशन सड़क मार्ग से लगभग 90 किमी दूर टनकपुर में है। पहाड़ी क्षेत्र होने के कारण बसें ही यहां आवागमन का मुख्य साधन हैं। लोहाघाट में उत्तराखंड परिवहन निगम का एक डिपो है। यहां से दिल्ली, देहरादून, बरेली, नैनीताल सहित कई जगहों के लिए बसों का संचालन होता है।

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(Tourists Destinations from The Himalayan Diary)

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