देवभूमि उत्तराखंड में नैनीताल से लगभग 17 किलोमीटर दूर कैंची में नीम करौली बाबा (कैंची धाम) का आश्रम (Neem Karoli Baba Ashram) देश–दुनिया के लोगों की आस्था का केंद्र है। नीम करौली बाबा की गिनती 20वीं सदी के महान संतों में होती है। उनका निधन 1973 में हो गया था। नीम करौली बाबा के आश्रम में भारतीय लोगों के अलावा बड़ी संख्या में विदेशी भक्त भी आते हैं। विदेशियों में सबसे ज्यादा अमेरिका के लोग होते हैं। देवदार के पेड़ों के बीच पहाड़ी इलाके में बसे इस आश्रम में पांच देवी-देवताओं के मंदिर हैं। इन मंदिरों में हनुमान जी का भी एक मंदिर है। लोगों की मान्यता है कि बाबा खुद हनुमान जी के अवतार थे। स्थानीय लोग बताते हैं कि बाबा खुद गायब और प्रकट हो सकते थे। साथ ही उन्हें आने वाली मुसीबत का पहले पता चल जाता था।
नीम करौली बाबा का जन्म ग्राम अकबरपुर जिला फिरोजाबाद उत्तर प्रदेश में हुआ था। लोगों की मान्यता है कि नीम करौली बाबा दिव्य शक्तियों वाले संत थे। उन्हें भगवान हनुमान से सिद्धि मिली हुई थी। वो त्रिकाल के दर्शन कर सकते थे। बाबा के भक्तों की सूची में दुनियाभर के विदेशी नागरिक शामिल हैं। एप्पल के फाउंडर स्टीव जॉब्स, फेसबुक के सीईओ मार्क जुकरबर्ग और हॉलीवुड की टॉप एक्ट्रेस जूलिया रॉबर्ट्स भी नीम करौली बाबा की भक्त रही हैं। मार्क जुकरबर्ग ने भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात के दौरान नीम करौली बाबा के आश्रम का जिक्र किया था। जुकरबर्ग ने ये भी बताया था कि वो इस मंदिर में एप्पल के संस्थापक स्टीव जॉब्स के कहने पर गये थे।
कहा जाता है कि स्टीव जॉब्स साल 1973 में सन्यास लेने के लिए यहां आए थे। वह नीम करौली बाबा से मिलना चाहते थे, लेकिन उनके पहुंचने से पहले ही उनका निधन हो चुका था। स्टीव जॉब्स कुछ दिनों तक यहां आश्रम में ही रुके। यहीं से स्टीव जॉब्स को प्रेरणा मिली और उन्होंने संन्यास लेने के बजाय अमेरिका जाकर एप्पल कंपनी बनाई। एप्पल आज टेक्नोलॉजी की दुनिया के सबसे बड़े नामों में से एक है। कहा जाता है कि जब स्टीव जॉब्स की मृत्यु हुई, तब उनके तकिए के नीचे से नीम करौली बाबा की तस्वीर मिली थी।
मार्क ज़ुकरबर्ग ने बताया था कि साल 2004 में जब उनकी कंपनी फेसबुक बेहद संकट के दौर से गुजर रही थी, उस समय वह अपने गुरु स्टीव जॉब्स की सलाह पर यहां आए थे। उन्होंने यहां आकर कुछ समय बिताया था। यहीं से उन्हें ऐसी शक्ति मिली कि फेसबुक आज दुनिया की सबसे बड़ी कंपनी में से एक बनी। हॉलीवुड एक्ट्रेस जुलिया रॉबर्ट्स भी यहां एक बार आ चुकी हैं। वह यहां आकर इस कदर प्रभावित हुई थी कि उन्होंने हिंदू धर्म अपनाने का मन बना लिया था।
कैसे पहुंचें Neem Karoli Baba Ashram
कैंची स्थित नीम करौली बाबा का आश्रम भवाली से 9 किलोमीटर और नैनीताल से 17 किलोमीटर दूर है। यहां से नजदीकी रेलवे स्टेशन 37 किलोमीटर दूर काठगोदाम में है। दिल्ली से काठगोदाम के बीच सीधी ट्रेन चलती हैं। यहां से निकटतम हवाई अड्डा 71 किलोमीटर दूर पंतनगर में है। सड़क मार्ग से यहां पहुंचने के लिए आप नैनीताल पहुंच सकते हैं। यहां से आश्रम जाने के लिए आपको बस या टैक्सी मिल जाएगी। काठगोदाम से हल्द्वानी-भवाली होते हुए बाबा के आश्रम पहुंचा जा सकता है।
Nainital के आसपास के इन प्रसिद्ध धार्मिक स्थलों के बारे में भी पढ़ें:
- हल्द्वानी के प्रसिद्ध शीतला देवी मंदिर में है आस्था और प्रकृति का अद्भुत संगम
- टनकपुर में है पवित्र पूर्णागिरी धाम, मां के दरबार में पूरी होती है हर मनोकामना
- चंपावत में है प्रसिद्द क्रांतेश्वर महादेव मंदिर, यहां भगवान विष्णु ने लिया था कूर्मावतार
Web Title world-famous-neem-karoli-baba-ashram-located-in-nainital
(Religious Places from The Himalayan Diary)
(For Latest Updates, Like our Twitter & Facebook Page)