ऋषिकेश के त्रिवेणी घाट पर होता है गंगा, यमुना और सरस्वती नदी का संगम

देवों की भूमि कहे जाने वाले उत्तराखंड के गढ़वाल मंडल में हिमालय पर्वतों के तल में बसे ऋषिकेश में प्रमुख पर्यटन स्थलों में से एक त्रिवेणी घाट (Triveni Ghat Rishikesh) है। यह ऋषिकेश का प्रमुख…

0 Comments

ऋषिकेश के पास पहाड़ी पर बसा है मां कुंजापुरी देवी का प्रसिद्द शक्तिपीठ

उत्तराखंड के टिहरी जिले में हिंडोलाखाल नामक क्षेत्र में देवी को समर्पित मां कुंजापुरी मंदिर (Kunjapuri Devi Temple) है। इस धार्मिक स्थल को हिंदू धर्म के प्रसिद्ध 52 शक्तिपीठों में से एक माना जाता है।…

0 Comments

कश्मीर की तरह अब मुनस्यारी में भी देखें ट्यूलिप गार्डन के नजारे, हॉलैंड से मंगवाए गए हैं 7000 ट्यूलिप बल्ब

कोरोना महामारी के चलते उत्तराखंड से एक अच्छी खबर आई है। उत्तराखंड राज्य अपनी प्राकृतिक सुंदरता के कारण पर्यटकों की पहली पसंद है। हर साल उत्तराखंड की सुंदरता का अनुभव करने लाखों की संख्या में…

0 Comments

मां कंसमर्दिनी ने पहले ही कर दी थी कंस की मृत्यु की आकाशवाणी, बिजली बनकर हो गईं थी गायब

उत्तराखंड के प्राचीन शहर ऋषिकेश से 104 किलोमीटर दूर गढ़वाल के श्रीनगर शहर में मां कंसमर्दिनी का मंदिर (Kansmardini Temple Srinagar) है। द्वापर युग में माता यशोदा की जिस कन्या को मथुरा नरेश कंस ने…

0 Comments

द्वितीय केदार के पास माता राकेश्वरी मंदिर में आने से शरीर के क्षय रोग से मिलता है छुटकारा

उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग में द्वितीय केदार के नाम से विख्यात मदमहेश्वर के क्षेत्र में ही पड़ने वाले मां राकेश्वरी मंदिर (Rakeshwari Temple) में अब तक हजारों श्रद्धालुओं को क्षय रोगों से छुटकारा मिल चुका है।…

0 Comments

उत्तराखंड के कमलेश्वर महादेव मंदिर में पूरी रात हाथों में दिया लिए खड़ी रहती हैं महिलाएं

देवभूमि उत्तराखंड के पौड़ी गढ़वाल जिले के श्रीनगर में भगवान शिव का पौराणिक कमलेश्वर महादेव मंदिर (Kamleshwar Mahadev Temple) है। मध्य हिमालय की तलहटी में अलकनंदा नदी के किनारे स्थित कमलेश्वर महादेव मंदिर से श्रद्धालुओं…

0 Comments

कांकुल दर्रे के पास है पवित्र कागभूशुंडी ताल, सबसे पहले यहां सुनाई गई थी रामायण

उत्तराखंड के हिमालयी क्षेत्र में जोशीमठ के पास कांकुल दर्रे से लगभग 4730 मीटर की ऊंचाई पर पवित्र कागभूशुंडी ताल (Kak Bhusundi Taal) है। कागभूशुंडी झील हिमालयी क्षेत्र की सबसे ऊंची झीलों में से एक…

0 Comments