कश्मीर के पुलवामा के पयार गांव में भगवान शिव (Shiva Temple Pulwama) का प्राचीन मंदिर है, जो आज भी धार्मिक सौहार्द की मिसाल प्रस्तुत करता है। लगभग 1500 साल पुराने इस शिव मंदिर की देखभाल क्षेत्र का एक मुस्लिम परिवार करता है। यहां आने वाले देश-विदेश के पर्यटक और शोधकर्ता भी मुस्लिम परिवार को मंदिर की देखभाल करते देख हैरान रह जाते हैं। इस मंदिर को लेकर मान्यता है कि इसका निर्माण पांडवों ने किया था। भारतीय पुरातत्व विभाग ने साल 1958 में इसे राष्ट्रीय धरोहर घोषित किया था। ग्रामीणों का कहना है कि यह मंदिर एक दुर्लभ सांस्कृतिक विरासत है और इस गांव की प्राचीन और मिली-जुली संस्कृति का एक उदाहरण है। स्थानीय लोकगीतों में भी इस मंदिर का जिक्र होता है।
कुछ स्थानीय लोककथाओं के अनुसार इस शिव मंदिर का निर्माण पांडवों ने किया था। पांडवों ने इस स्थान पर पांच मंदिर बनाए थे। एक बार दुश्मनों ने इन मंदिरों को हथियाने के लिए आक्रमण कर दिया, लेकिन पांडवों ने अपने बल से उन्हें परास्त कर दिया। इसके बाद जब पांडव आराम करते थे, तब पांडवों की माता कुंती हर समय अपने हाथ में ड्रम लेकर उस वक़्त मंदिर की रक्षा में खड़ी रहती थी। इस बीच अगर शत्रु आ जाता तो माता कुंती ड्रम बजाकर अपने बेटों को सतर्क कर देती थी। एक बार शत्रुओं ने अचानक बड़ा हमला कर दिया। ऐसे में पांडवों ने अपने मंदिरों को सुरक्षित रखने के लिए उन्हें उठा लिया और सुरक्षित स्थान पर ले गए। लेकिन जल्दबाजी में यह मंदिर इसी स्थान पर छूट गया। जिसके बाद दुश्मनों ने मंदिर में लूटपाट की।
पयार में यह मंदिर एक नदी की धारा पर स्थित है। इस क्षेत्र को नोबागरी टेबललैंड कहा जाता है। यह धार्मिक स्थल वास्तुकला का एक अनुपम उदाहरण है। एएसआई ने साल 2002 में 1500 साल पुराने इस मंदिर के चारों ओर एक बाड़ लगाई। मंदिर में चोकोर गर्भगृह है, जिसमें शिवलिंग स्थापित है। मंदिर की दीवारों और छतों पर विभिन्न प्रकार की आकृतियां उकेरी गई है। पहले इस मंदिर की देखभाल कश्मीरी पंडित किया करते थे, लेकिन वर्षों पहले उन्हें जब यहां परेशान किया जाने लगा तो उन्होंने यह स्थान छोड़ दिया। जब यहां कोई पंडित परिवार नहीं बचा, तो कश्मीरी मुस्लिम गुलाम नबी शेख के परिवार ने मंदिर को संभालने का जिम्मा उठाया। शेख 1974 में एएसआई में स्मारक परिचारक के रूप में शामिल हुए और अब तक मंदिर की देखभाल कर रहे हैं। शेख परिवार यहां आने वाले देश-विदेश के पर्यटकों और शोधकर्ताओं को ना सिर्फ मंदिर में दर्शन करवाता है, बल्कि उन्हें मंदिर के इतिहास के बारे में भी बताता है। यहां आज भी अगर हालात खराब होते हैं तो स्थानीय लोग इस मंदिर की रक्षा में तत्पर रहते हैं।
कैसे पहुंचें Shiva Temple Pulwama
यह धार्मिक स्थल पुलवामा के पयार गांव में है। पुलवामा सड़कों के माध्यम से भारत के अन्य प्रमुख शहरों से अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है। शहर के केंद्र में स्थित बस टर्मिनल से बस सेवा उपलब्ध है। आप स्वयं के वाहन से भी यहां पहुंच सकते हैं। पुलवामा से नजदीकी हवाई अड्डा लगभग 30 किलोमीटर दूर श्रीनगर में है। वहीं नजदीकी रेलवे स्टेशन लगभग 254 किलोमीटर दूर जम्मू में है।
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Web Title muslim-family-takes-care-of-lord-shiva-temple-of-pulwama-in-kashmir
(Religious Places from The Himalayan Diary)
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