हमीरपुर जिले में सुजानपुर में भगवान श्री कृष्ण का एक ऐसा अनोखा मुरली मनोहर मंदिर (Murli Manohar Temple Sujanpur) है, जहां उनकी मूर्ति में विपरीत दिशा में बांसुरी लगाई जाती है। कटोच वंश के राजा संसार चंद ने लगभग 400 साल पहले मुरली मनोहर मंदिर की स्थापना कराई थी, जो आज भी श्रद्धालुओं के बीच आस्था का केंद्र है। यहां राष्ट्र स्तरीय होली मेला भी आयोजित किया जाता है। जिसमें भारी तादात में श्रद्धालु मंदिर परिसर में पहुंचते हैं। इस मंदिर में कई रहस्य छिपे हैं, इनकी असलियत क्या है यह तो किसी को नहीं मालूम है, लेकिन मंदिर निर्माण को लेकर एक कहानी आज भी प्रसिद्ध हैं, जिसे हम आपके साथ सांझा कर रहे हैं।
मंदिर में श्री कृष्ण भगवान की मूर्ति में विपरीत दिशा में लगाई जाने वाली बांसुरी को लेकर एक कथा प्रचलित है। जिस समय मंदिर में भगवान कृष्ण की मूर्ति स्थापित की जा रही थी, उस समय महाराजा संसार चंद ने पुजारियों से मंदिर परिसर में भगवान श्री कृष्ण की प्रतिमा को स्थापित किए जाने को लेकर सवाल किए और संतोषजनक जवाब न मिलने पर सभी पुजारियों के सिर काटने का आदेश दे दिया। महाराजा का सवाल सुनकर उसके जवाब को ढूंढने के लिए रात भर पुजारी जागते रहे, जब सुबह मंदिर में पुजारी गए तो उन्होंने देखा कि शाम के समय मूर्ति में लगी बांसुरी सीधी दिशा में थी लेकिन सुबह तक वह खुद ही विपरीत दिशा में हो गई, जिससे उन्होंने महाराजा को यहां साक्षात भगवान कृष्ण के मौजूद होने का सबूत दिया।
कटोच वंश के राज परिवार के कुल पुरोहित रवि अवस्थी ने बताया कि मुरली मनोहर मंदिर में भगवान श्री कृष्ण की मूर्ति पूरे संसार में मात्र एक ऐसी प्रतिमा है, जिसमें बांसुरी विपरीत दिशा में लगी हुई है। ऐसा कहा जाता है कि मंदिर के निर्माण के समय से ही यहां आने वाले श्रद्धालुओं की मनोकामना पूरी होती है। जिसके चलते आज इतने सालों बाद भी यह मंदिर श्रद्धालुओं और दूर दराज से यहां आने वाले पर्यटकों के लिए आकर्षण का बना हुआ है। इस मंदिर का निर्माण लगभग 400 साल पहले एक लाख रुपये की धनराशि से महाराजा संसार चंद ने बनवाया था। मुरली मनोहर मंदिर में कटोच वंश से ही होली मेले का आयोजन किया जाता रहा है। इसकी शुरूआत भगवान श्री कृष्ण और राधा को गुलाल लगाकर किया जाता था। लगभग 400 साल बीत जाने के बाद भी यह परंपरा जारी है। वर्तमान समय में विधिवत पूजा अर्चना के बाद यहां सीएम द्वारा राष्ट्र स्तरीय होली का शुभारंभ किया जाता है।
कैसे पहुंचें Murli Manohar Temple Sujanpur
रेल मार्ग से सुजानपुर पहुुंचने के लिए नजदीकि रेलवे स्टेशन ऊना तक जाना होगा। जहां से लगभग 85 किलोमीटर की दूरी पर सुजानपुर पड़ता है। सड़क मार्ग से जाने के लिए हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा बस स्टैंड से सीधे 64 किलोमीटर की दूरी तय कर सुजानपुर तक पहुंचा जा सकता है। इसके अलावा हमीरपुर या नादौन होते हुए भी सुजानपुर आसानी से पहुंचा जा सकता है। दिल्ली से सुजानपुर के लिए सीधी परिवहन बस सेवा उपलब्ध है। वहीं हवाई मार्ग की बात करें तो कांगड़ा हवाई अड्डे से 65 किलोमीटर की दूरी पर सुजानपुर पड़ता है। हवाई अड्डे पहुंचकर रोडवेज बस या टैक्सी के जरिए यहां तक सुगमता से पहुंचा जा सकता है।
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