मार्कंडेय ऋषि को हिंदू धर्म में खास स्थान प्राप्त है। हिंदू धर्म के पुराणों में मार्कंडेय ऋषि का पुराण सबसे उत्तम और प्राचनीतम माना जाता है। हिमाचल प्रदेश के बिलासपुर से लगभग 20 किलोमीटर दूर मार्कंडेय ऋषि को समर्पित धार्मिक स्थल है। इस जगह को मार्कंडेय ऋषि की तपोस्थली भी माना जाता है। मार्कंडेय ऋषि मंदिर (Markandeya Rishi Temple) में दर्शन करने के लिए दुनिया भर से श्रद्धालु पहुंचते हैं। मार्कंडेय ऋषि मंदिर के पास एक झरना है, जिसे बेहद पवित्र माना जाता है। मान्यता है कि इस झरने में स्नान किए बिना चारधाम यात्रा अधूरी रहती है। झरने के पानी में औषधीय गुण पाए जाते हैं।
मान्यता है कि यहां पर ऋषि मृकंडु अपनी पत्नी के साथ रहते थे। ऋषि मृकंडु ने पुत्र प्राप्ति के लिए यहां पर कई वर्षों तक भगवान शिव की घोर तपस्या की थी। ऋषि मृकंडु की तपस्या से प्रसन्न होकर भगवान शिव ने पुत्र रत्न प्राप्ति का वरदान दिया। वरदान के साथ भगवान शिव ने ऋषि मृकंडु को यह भी बताया कि 12 साल की उम्र में उनके पुत्र की मृत्यु हो जाएगी। ऋषि मृकंडु ने अपने पुत्र का नाम मार्कंडेय रखा। मार्कंडेय जैसे-जैसे बड़े होते गए ऋषि मृकंडु की चिंता बढ़ती गई। जब मार्कंडेय को पिता की चिंता के बारे में पता चला, तो उन्होंने रेत का शिवलिंग बनाया और शिव की तपस्या में लीन हो गए। मार्कंडेय के 12 साल पूर्ण होने पर जब यमराज उनके प्राण हरण करने के लिए आए, तो शिवलिंग में से स्वयं भगवान शिव प्रकट हो गए और उन्होंने यमराज के वार को बेअसर कर दिया। उसी समय इस स्थान पर पवित्र झरना बहने लगा। इस झरने को चारधाम यात्रा का एक महत्वपूर्ण हिस्सा माना जाता है।
मान्यता है कि यह घटना बैसाखी की पूर्व संध्या को घटित हुई थी। बैसाखी के दिन यहां बड़ा मेला आयोजित किया जाता है। मेले में दूर-दूर से श्रद्धालु दर्शन करने के लिए और झरने में स्नान करने के लिए आते हैं। चारधाम की यात्रा करने के बाद लोग मार्कंडेय में पवित्र स्नान करने के लिए पहुंचते हैं। यहां स्नान किए बिना चारधाम की यात्रा अधूरी मानी जाती है। श्रद्धालुओं का विश्वास है कि यहां स्थित पवित्र झरने में स्नान करने से कई शारीरिक बीमारियों से निजात मिलती है। बड़ी संख्या में नि:संतान दंपती भी मार्कंडेय ऋषि मंदिर में संतान प्राप्ति की कामना के साथ पहुंचते हैं।
कैसे पहुंचें Markandeya Rishi Temple
यह धार्मिक स्थल बिलासपुर से लगभग 20 किलोमीटर की दूरी पर है। बिलासपुर से मार्कंडेय ऋषि मंदिर पहुंचने के लिए वाहनों की सुविधा उपलब्ध है। बिलासपुर हिमाचल प्रदेश के प्रमुख शहरों और आसपास के राज्यों के साथ सड़क माध्यम से अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है। शिमला, दिल्ली और चंडीगढ़ जैसे प्रमुख शहरों से बिलासपुर के लिए बस की मदद से आसानी से पहुंच सकते हैं। यहां हवाई मार्ग और रेल मार्ग द्वारा सीधे नहीं पहुंचा जा सकता है। बिलासपुर से नजदीकी हवाई अड्डा 140 किलोमीटर दूर चंडीगढ़ में है। बिलासपुर से निकटतम रेलवे स्टेशन 63 किलोमीटर दूर किरतपुर साहिब पंजाब में है।
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