चमोली में स्थित है पवित्र शहर जोशीमठ, आदि शंकराचार्य ने की थी स्थापना

Joshimath Uttarakhand

उत्तराखंड में गढ़वाल के प्रमुख नगरों में से एक जोशीमठ (Joshimath Uttarakhand) को ज्योर्तिमठ के नाम से भी जाना जाता है। हिंदू धर्म के लोगों के बीच इस पवित्र शहर का खास महत्व है। बर्फ से ढकी हिमालय पर्वतमालाओं से घिरा यह शहर समुद्र स्‍तर से 6000 फिट की ऊंचाई पर स्थित है। मान्यता है कि चमोली जिले में स्थित इस शहर की स्थापना 8वीं सदी में विख्यात धर्मगुरू आदि शंकराचार्य ने की थी। आदि शंकराचार्य ने बदरीनाथ मंदिर तथा तीन अन्य मठों की स्थापना से पहले सर्वप्रथम जोशीमठ की स्थापना की थी। यहां धौलीगंगा और अलकनंदा नदी का संगम है। जोशीमठ में भगवान नरसिंह मंदिर में शीतकाल के दौरान भगवान बदरीनाथ की गद्दी विराजित होती है।

जोशीमठ में आध्यात्मिता की जड़ें गहरी हैं तथा यहां की संस्कृति भगवान विष्णु की पौराणिकता के इर्द-गिर्द बनी है। जोशीमठ में एक बहुत ही प्रसिद्द नरसिंह मंदिर है। मान्यता है कि हिरण्यकश्यप को मारने के बाद भी भगवान विष्णु के नरसिंह अवतार बहुत गुस्से में थे। कई दिनों तक क्रोध में रहने के कारण भगवती लक्ष्मी ने भक्त प्रह्लाद से सहायता मांगी। इसके बाद प्रह्लाद तब तक भगवान विष्णु का जप करते रहे, जब तक कि वे शांत न हो गये। जोशीमठ में स्थित इस मंदिर में भगवान नरसिंह को शांत स्वरूप में देखा जा सकता है। मंदिर में स्थापित नरसिंह भगवान की मूर्ती सिकुड़ती जा रही है। मान्यता है कि जिस दिन यह मूर्ती सिकुडकर पुर्णतः समाप्त हो जाएगी। उस दिन भयंकर भूस्‍खलन के कारण बदरीनाथ धाम जाने वाला रास्‍ता बंद हो जाएगा।

जोशीमठ में एक प्राचीन पेड़ भी विराजित है, जिसे कल्‍पवृक्ष के नाम से जाना जाता है। इस वृक्ष को देश का सबसे पुराना पेड़ माना जाता है। मान्यता है कि करीब 1200 वर्ष पहले आदि गुरू शंकराचार्य ने इस पेड़ के नीचे तपस्या की थी। इस वृक्ष की परिधि 21.5 मीटर है। जोशीमठ से 24 किलोमीटर दूर एक लोकप्रिय पर्यटन स्थल नंदा देवी राष्ट्रीय पार्क स्थित है। साल 1998 में इस पार्क को संयुक्त राष्ट्र के शैक्षिक, वैज्ञानिक और सांस्कृतिक संगठन (यूनेस्को) द्वारा विश्व विरासत घोषित किया गया था। ट्रैकिंग के लिए भी जोशीमठ एक अच्छा विकल्प हो सकता है। यहां से कुछ दूरी पर प्रसिद्द ट्रैकिंग मार्ग फूलों की घाटी के लिए जाता है। जोशीमठ की पहाड़ी के टॉप पर विश्व प्रसिद्ध पर्यटन स्थल औली है, जहां दुनिया भर से स्की के शौकीन सैलानी पहुंचते हैं। सड़क मार्ग के अलावा जोशीमठ से औली रोपवे से भी जुड़ा हुआ है।

कैसे पहुंचें Joshimath Uttarakhand

जोशीमठ सड़क मार्ग से देहरादून, ऋषिकेश तथा हरिद्वार से जुड़ा हुआ है। यहां से जोशीमठ के लिए बस और टैक्सी उपलब्ध हैं। जोशीमठ से निकटतम हवाई अड्डा 270 किलोमीटर दूर देहरादून का जॉलीग्रांट एयरपोर्ट है। दिल्ली एयरपोर्ट से यहां के लिए नियमित फ्लाइट मिलती हैं। यहां से नजदीकी रेलवे स्टेशन 253 किलोमीटर दूर ऋषिकेश में है। जोशीमठ से हरिद्वार 274 किलोमीटर दूर है। दिल्ली से इसकी दूरी 520 किलोमीटर है। जोशीमठ, बदरीनाथ धाम जाने वाले नैशनल हाईवे पर स्थित है।

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(Religious Places from The Himalayan Diary)

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