उत्तराखंड के सुंदरखाल गांव में स्थित गर्जिया देवी मंदिर को गिरिजा देवी का मंदिर (Girija Devi Temple) भी कहा जाता है। यह माता पार्वती के प्रमुख मंदिरों में से एक है। यह बहुत ही पवित्र स्थान है और क्षेत्र में रहने वाले लोगों की आस्था का प्रमुख केंद्र है। गर्जिया देवी मंदिर डिकला रोड पर रामनगर से 12 किलोमीटर की दूरी पर है। कोसी नदी के मध्य एक छोटी सी पहाड़ी पर स्थित इस धार्मिक स्थल से खूबसूरत प्राकृतिक नजारे दिखते हैं। देवी गिरिजा, गिरिराज हिमालय की पुत्री और संसार के पालनहार भगवान शंकर की पत्नी हैं।
मान्यता है कि जिन मंदिरों में देवी वैष्णवी के रूप में स्थित होती हैं, उनकी पूजा पुष्प प्रसाद से की जाती है और जहां शिव शक्ति के रूप में होती हैं, वहां बलिदान का प्रावधान है। मंदिर में गर्जिया माता की 4।5 फीट ऊंची प्रतिमा स्थापित है। इसके साथ ही सरस्वती, गणेश जी तथा बटुक भैरव की संगमरमर की मूर्तियां मुख्य मूर्ति के साथ स्थापित हैं। इनके अलावा यहां एक लक्ष्मी नारायण मंदिर भी स्थापित है। मान्यता है कि यहां स्थापित मूर्तियां यहीं पर हुई खुदाई के दौरान मिली थीं। लोगों का मानना है कि जब तक गर्जिया माता की पूजा करने के बाद भैरव की पूजा नहीं की जाती तब तक मान्यता पूरी नहीं होती है।
गर्जिया देवी के इस पवित्र धार्मिक स्थल के बारे में साल 1940 से पहले बहुत कम जानते थे। 1940 से पहले इस मंदिर की स्थिति वर्तमान जैसी नहीं थी। लोगों की मान्यता है कि वर्तमान में गर्जिया देवी जिस टीले पर स्थापित हैं, वह कोसी नदी में बाढ़ के दौरान चट्टान सहित यहां बहकर आ गया था। साल 1970 में गर्जिया देवी के मंदिर का पुनः निर्माण किया गया था। माना जाता है कि देवी गिरिजा अपने भक्तों की सच्ची भक्ति से आसानी से प्रसन्न हो जाती हैं। प्रार्थना करते समय भक्त देवी नारियल, लाल कपड़े, कुमकुम आदि की पेशकश करते हैं।
कैसे पहुंचें Girija Devi Temple
गर्जिया देवी का मंदिर रामनगर से लगभग 15 किलोमीटर की दूरी है। रामनगर से गर्जिया देवी के मंदिर तक पहुंचने के लिए आसानी से टैक्सी मिल जाती हैं। गर्जिया देवी मंदिर से नजदीकी हवाई अड्डा 223 किलोमीटर दूर देहरादून और 274 किलोमीटर दूर दिल्ली में है। रामनगर ट्रेन और बस सेवाओं के माध्यम से अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है। श्रद्धालु रेल मार्ग द्वारा रामनगर तक पहुंच सकते हैं। इसके अलावा रामनगर के लिए प्रदेश कई प्रमुख शहरों से सीधी बस सेवा उपलब्ध हैं।
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