उत्तराखंड की पवित्र धार्मिक नगरी हरिद्वार में प्रसिद्ध चंडी देवी का मंदिर (Chandi Devi Temple Haridwar) है। माता चंडी देवी को समर्पित यह धार्मिक स्थल हरिद्वार के नील पर्वत के शिखर पर स्थित है। यह मंदिर हिंदू धर्म की आस्था के प्रतीक 52 शक्तिपीठों में से एक है। इसे कश्मीर के तत्कालीन शासक द्वारा वर्ष 1929 में बनवाया गया था। मंदिर में मुख्य मूर्ति की स्थापना 8वीं सदी में आदि शंकराचार्य ने की थी। नील पर्वत पर होने के कारण इस स्थल को नील पर्वत तीर्थ के नाम से भी जाना जाता है। यह हरिद्वार में स्थित तीन पीठों में से एक है। दूसरा मनसा देवी मंदिर है और तीसरा माया देवी मंदिर है।
माता चंडी देवी को चंडिका के नाम से भी जाना जाता है। कथा के अनुसार प्राचीन समय में दानव राजा शुम्भ और निशुम्भ ने स्वर्ग के देव राज इंद्र के राज्य पर कब्जा कर देवताओं को स्वर्ग से निकाल दिया। देवताओं के द्वारा विनती करने के बाद माता पार्वती ने देवी चंडी का रूप धारण किया जोकि बहुत ही सुंदर थी। उनकी खूबसूरती देख शुम्भ ने देवी चंडी के सामने शादी का प्रस्ताव रखा, जिसे उन्होंने ठुकरा दिया। इससे गुस्सा होकर शुम्भ ने दो असुर चंड और मुंड को देवी चंडी को मारने के लिए भेजा। दोनों असुरों को देवी चंडी ने मार गिराया। इसके बाद शुम्भ और निशुम्भ मिलकर देवी चंडी को मारने के लिए पहुंचे लेकिन देवी चंडी ने इन दोनों को भी संहार कर दिया। शुम्भ और निशुम्भ को मारने के बाद देवी चंडी ने नील पर्वत के शिखर पर विश्राम किया था। इसी के बाद यहां पर मंदिर का निर्माण करवाया गया। पहाड़ पर स्थित दो चोटियों को शुम्भ और निशुम्भ कहा जाता है।
चंडी देवी के मंदिर में चंडी चौडस और नवरात्र व हरिद्वार के कुंभ मेले के दौरान भारी संख्या में श्रद्धालु पहुंचते हैं। हरिद्वार आने वाले भक्तों को एक बार इस मंदिर में दर्शन करने के लिए जरूर आना चाहिए। चंडी देवी मंदिर के निकट माता अंजना देवी का मंदिर है, जोकि भगवान श्री हनुमान जी की माता थीं। चंडी देवी मंदिर के अलावा हरिद्वार में दो अन्य शक्ति पीठ माया देवी और मनसा देवी हैं। ये तीनों मंदिर मिल कर त्रिभुज की स्थिति की रचना करते हैं।
कैसे पहुंचें Chandi Devi Temple Haridwar
यह पवित्र धार्मिक स्थल हरिद्वार रेलवे स्टेशन से लगभग 3 किलोमीटर की दूरी पर है। यह दूरी ऑटो रिक्शा व टैक्सी की मदद से तय की जा सकती है। हरिद्वार रेल और सड़क मार्ग द्वारा अच्छी तरह से देश के अन्य प्रमुख शहरों से जुड़ा हुआ है। हरिद्वार का रेलवे स्टेशन सीधे दिल्ली, कोलकाता, मुंबई, देहरादून, जयपुर, अहमदाबाद, पटना, गया, वाराणसी, भुवनेश्वर, पुरी और कोच्चि जैसे शहरों से जुड़ा हुआ हैं। सड़क मार्ग से भी दिल्ली, हरियाणा, यूपी, पंजाब और उत्तरखंड के अन्य हिस्सों से हरिद्वार आसानी से पहुंचा जा सकता है। हरिद्वार से निकटतम हवाई अड्डा 54 किलोमीटर दूर देहरादून का जॉलीग्रांट हवाई अड्डा है। यहां के लिए मुंबई या दिल्ली से सीधी उड़ान ले सकते हैं। हरिद्वार से दिल्ली लगभग 225 किलोमीटर की दूरी पर है।
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(Religious Places from The Himalayan Diary)
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