जम्मू शहर से लगभग 5 किलोमीटर की दूरी पर देवी महाकाली का प्रसिद्ध और ऐतिहासिक धार्मिक स्थल मौजूद है। जम्मू तवी के पुल के पास बावे इलाके में होने के कारण इस धार्मिक स्थल को बावे वाली देवी के मंदिर (Bawe Wali Mata Jammu) के नाम जाना जाता है। बावे वाली माता को जम्मू की ईष्ट देवी माना जाता है। हर रविवार और मंगलवार को बावे वाली माता के मंदिर में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ रहती है। यह मंदिर ऐतिहासिक बाहु किले के भीतर है। जम्मू राज्य के संस्थापक रहे राजा जम्बूलोचन के बड़े भाई बाहुलोचन के नाम पर इस किले का नाम रखा गया है।
स्थानीय लोगों के अनुसार जम्मू राज्य को अपनी राजधानी बनाने के बाद राजा देवी की मूर्ती के मुंह को अपने महल की ओर करना चाहते थे। इसके लिए राजा ने कई बार कोशिश की, लेकिन वह सफल नहीं हो सका। अंत में राजा ने हाथियों की सहायता से देवी की मूर्ती के मुंह को अपने महल की ओर करने की कोशिश की, लेकिन जैसे ही हाथी मूर्ती को खींचते हाथी दर्द के मारे चिंघाड़ने लगते। ऐसे में राजा ने मूर्ती को यहीं स्थापित रहने देने का फैसला किया। एक अन्य मान्यता के अनुसार प्राचीन समय में वैष्णो देवी यात्रा केवल तीर्थ के तौर पर ही की जाती थी। इसकी शुरुआत नगरोटा स्थित कौल कंडोली मंदिर से होती थी, जबकि अंत यहां बावे वाली माता मंदिर में।
बावे वाली माता को लेकर अन्य और भी कई तरह की मान्यताएं प्रचलित हैं। प्राचीन समय में जम्मू की सेनाएं रणभूमि पर जाने से पहले बावे वाली माता के मंदिर में माथा टेका करती थी। वर्तमान समय में भी बड़ी संख्या में श्रद्धालु बावे वाली माता के मंदिर में दर्शन करने के लिए पहुंचते हैं। जिस श्रद्धालु की मनोकामना पूरी हो जाती है, वह माता के मंदिर में बकरी की बली चढ़ाते हैं। हालांकि बली इस तरह से दी जाती है कि बकरी जीवित रहती है। दरअसल बलि के लिए लाई गई बकरी को मंदिर के सामने निर्मित अहाते में बांध दिया जाता है। इसके बाद बकरी पर पानी के छींटे मारे जाते हैं। जब बकरी कपकंपाकर अपने शरीर के बालों को झटकती है तो मान लिया जाता है कि देवी ने बलि स्वीकार कर ली। मंदिर परिसर में खास मावे की बर्फी भी मिलती है। इसके अलावा मंदिर जिस किले में स्थित है, उसके आसपास सीढ़ीदार बगीचा विकसित किया गया है जो शहर के लोगों का पसंदीदा पिकनिक स्पॉट है। बाहु किले के पीछे बाय पास रोड़ पर महामाया मंदिर भी है।
कैसे पहुंचें Bawe Wali Mata Jammu
यह प्रसिद्ध धार्मिक स्थल जम्मू शहर के नजदीक होने के कारण देश के किसी भी कोने से यहां तक आसानी से पहुंचा जा सकता है। जम्मू शहर से श्रद्धालु मिनी बसें और ऑटो रिक्शा की मदद से आसानी से बावे वाली माता के मंदिर तक पहुंच सकते हैं। जम्मू सड़क मार्ग द्वारा देश के कई प्रमुख शहरों से सीधा जुड़ा हुआ है। जम्मू में स्थित हवाई अड्डा देश के प्रमुख हवाई अड्डों से सीधा जुड़ा हुआ है। जम्मू में स्थित रेलवे स्टेशन जम्मू तवी रेल मार्ग द्वारा नियमित रूप से देश के अन्य हिस्सों से जुड़ा हुआ है।
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(Religious Places from The Himalayan Diary)
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