अमरनाथ की तरह मनाली की खूबसूरत सोलंग घाटी में प्राकृतिक रूप से बनता है शिवलिंग

हर साल हजारों की संख्या में श्रद्धालु बाबा बर्फानी के दर्शन करने के लिए अमरनाथ यात्रा के लिए पहुंचते हैं। अमरनाथ में पवित्र गुफा में बर्फ से प्राकृतिक रूप से शिवलिंग का निर्माण होता है। हालांकि बहुत कम लोगों को पता होगा कि हिमाचल प्रदेश में भी एक ऐसा स्थान है जहां पर प्राकृतिक रूप से शिवलिंग का निर्माण होता है। हिमाचल प्रदेश की पर्यटन नगरी मनाली के सोलंग घाटी में पहाड़ियों के बीच बर्फ से विशालकाय शिवलिंग बनता है। इसे दुनिया का सबसे बड़ा बर्फ का प्राकृतिक शिवलिंग माना जाता है। इस स्थान को भगवान हनुमान की माता अंजनी की तपोस्थली माना जाता है। इसलिए इस शिवलिंग को अंजनी महादेव (Anjani Mahadev Manali) कहा जाता है।

अंजनी महादेव में पहाड़ों से गिरता झरना शिवलिंग का रूप धारण करता है। फरवरी में शिवरात्रि के दौरान आकार में 35 फीट से भी अधिक ऊंचा हो जाता है। श्रद्धालुओं का मानना है कि त्रेता युग में माता अंजनी ने पुत्र प्राप्ति और मुक्ति पाने के लिए तपस्या की थी। तब भगवान शिव ने उन्हें यहां दर्शन दिए थे। तब से ही यहां पर प्राकृतिक तौर पर बर्फ का शिवलिंग बनता है। हालांकि इस शिवलिंग के बारे में पहले ज्यादा लोगों को पता नहीं था, लेकिन यहां रहने वाले एक बाबा ने लोगों को इसके बारे में बताया। बाबा बारह माह सर्दी व गर्मी में यहां रहते थे। कुछ सालों पहले उनकी मृत्यु हो चुकी है।

जब से लोगों को इस शिवलिंग के बारे में पता चला हैं यहां बड़ी संख्या में श्रद्धालु पहुंच रहे हैं। श्रद्धालुओं का विश्वास है कि इस शिवलिंग के दर्शन करने से हर मनोकामना पूर्ण हो जाती है। यहां बर्फ के दर्शन करने के लिए श्रद्धालु करीब डेढ़ सौ मीटर तक बर्फ पर नंगे पैर चलकर पहुंचते हैं। खास बात यह है कि बर्फ में नंगे पांव चलने से भी श्रद्धालुओं को कोई नुकसान नहीं होता। दिसंबर महीने में यहां शिवलिंग का निर्माण शुरू होता है और जनवरी माह तक पूर्ण रूप ले लेता है।

कैसे पहुंचें Anjani Mahadev Manali

अंजनी महादेव तक पहुंचने के लिए सोलंग नाला से पांच किलोमीटर का सफर पैदल या घोड़ों से तय किया जा सकता है। सोलंग नाला पहुंचने के लिए मनाली से वाहन मिलते हैं। मनाली से सोलंग नाला की दूरी लगभग 14 किलोमीटर है। मनाली, हिमाचल प्रदेश की प्रसिद्ध पर्यटन नगरी है। इसलिए यहां पहुंचने के लिए कई संसाधन उपलब्ध हैं। मनाली से निकटतम हवाई अड्डा 50 किलोमीटर दूर भुंतर कुल्लू में है। भंतुर के लिए दिल्ली और चंडीगढ़ से फ्लाइट मिलती हैं। पहाड़ी इलाका होने के कारण मनाली में कोई रेलवे स्टेशन नहीं है। मनाली का सबसे नजदीकी रेलवे स्टेशन जोगिंदर नगर है। मनाली जाने के लिए दिल्ली और चंडीगढ़ से बसें चलती हैं। दिल्ली से मनाली की दूरी करीब 540 किलोमीटर है।

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(Religious Places from The Himalayan Diary)

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