हिमाचल प्रदेश में ऊना से 22 किलोमीटर की दूरी पर बना बाबा गरीब नाथ मंदिर (Baba Garibnath Temple) अनुपम छठा बिखेरे नजर आता है। यह मंदिर चारों तरफ से गोबिंद सागर झील और पहाड़ियों से घिरा हुआ है। ऐसी मनमोहक छटा देखने के लिए श्रद्धालुओं के साथ-साथ ही पर्यटक भी इस तरफ खिंचे चले आते हैं। बरसात के दिनों में यहां कभी कभी दो से तीन महीने तक मंदिर की एक मंजिल झील के पानी में डूब जाती है। इन सब के बावजूद श्रद्धालु व पर्यटक यहां पर मत्था टेकने पहुंचते हैं।
मंदिर का इतिहास लगभग 500 साल पुराना बताया जाता है। ऐसा कहा जाता है कि जब ऋषि व्यास के पुत्र शुकदेव का जन्म हुआ, उसी समय 84 सिद्धों ने भी विभिन्न जगहों पर जन्म लिया। इनमें से एक सिद्ध गरीब नाथ जी भी हैं, जो दत्तात्रेय के शिष्य थे। बाबा गरीब नाथ ने यहां 40 सालों तक तप किया। इसे बाबा गरीब नाथ की तपोस्थली भी कहते हैं। मंदिर प्रांगण में बाबा गरीब नाथ की प्रतिमा स्थापित है। इसके साथ ही मंदिर में स्थापित लगभग 31 फुट की भगवान शिव की प्रतिमा मंदिर की सुंदरता को कई गुना बढ़ा देती है।
एक अन्य मान्यता के अनुसार 500 साल पहले यहां के स्थानीय निवासियों को झाड़ियों में एक ज्योति जलती हुई दिखी, जब लोगों ने पास जाकर देखा तो अमलताश पेड़ के नीचे सिद्ध बाबा गरीब नाथ भक्ति में लीन मिले। उन्होंने लोगों को अपना परिचय देते हुए कहा कि जो भी श्रद्धालु सच्ची श्रद्धा से यहां भक्ति करेंगे, उन्हें फल जरूर मिलेगा। इस मंदिर में आज भी अमलताश का लगभग 500 साल पुराना पेड़ विराजमान है। जो इस मंदिर की शोभा का बढ़ा रहा है। यह मंदिर बरसात के दिनों में जुलाई से लेकर नवंबर तक चारों तरफ से पानी से घिर जाता है। इन दिनों में गोबिंद सागर झील का स्तर काफी ऊपर तक आ जाता है। मंदिर की एक मंजिल भी कभी कभी डूब जाती है। यहां श्रद्धालुओं को मोटर बोट में बैठाकर महज 10 रुपये में मंदिर तक ले जाया जाता है। यहां ऊना, हमीरपुर जिलों के अलावा पड़ोसी राज्य पंजाब से अच्छी संख्या में श्रद्धालु मंदिर के दर्शन करने के लिए आते हैं।
कैसे पहुंचें Baba Garibnath Temple
सड़क मार्ग व रेल मार्ग से ऊना तक आसानी से पहुंचा जा सकता है। यहां से आगे का सफर बस या निजी वाहनों के जरिए तय किया जा सकता है। ऊना से 22 किलोमीटर की दूरी पर बाबा गरीबनाथ का मंदिर है। यहां तक आने के लिए बस की भी सुविधा रहती है। वहीं हवाई मार्ग से यहां तक आने के लिए चंडीगढ़ हवाई अड्डे तक आना होगा। उसके बाद ऊना से मंदिर तक का सफर आसानी से तय किया जा सकता है।
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(Religious Places from The Himalayan Diary)
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