देवभूमि उत्तराखंड के चंपावत जिले के दक्षिण में पहाड़ों की चोटी पर घने जंगल के बीच प्रसिद्द हिंगलादेवी मंदिर (Hingla Devi Temple) स्थित है। इस क्षेत्र की आस्था का प्रमुख केंद्र हिंगलादेवी का मंदिर चंपावत जिले के सबसे प्राचीन मंदिरों में से एक है। हिंगलादेवी मंदिर में ‘मां भवानी’ के रूप में देवी हिंगला की पूजा की जाती है। इस धार्मिक स्थल के बारे में कहा जाता है कि यहां से अखिल तारणी चोटी तक माता भगवती झूला यानि हिंगोल झूलती है। यहीं कारण है कि इस धार्मिक स्थल को हिंगलादेवी मंदिर के रूप में जाना जाता है। हिंगलादेवी मंदिर के बारे में श्रद्धालुओं की मान्यता है कि यहां सच्चे मन से प्रार्थना करने वाले हर श्रद्धालु की मनोकामना पूरी होती हैं। निसंतान दंपत्तियों की मनोकामना यहां आकर पूरी होती हैं।
स्थानीय लोगों का मानना है कि माता के इस मंदिर के पास एक बड़ी शिला है। इस शिला के पीछे खजाना छिपा हुआ है। इस शिला में दरवाजा नुमा एक आकृति बनी हुई है। कहा जाता है कि इस खजाने की चाबी मां हिंगलादेवी के पास है। मां हिंगला देवी के मंदिर साल भर भक्तों का आना-जाना लगा रहता हैं। खासकर चैत्र और शारदीय नवरात्र के अवसर पर विशेषतौर पर यहां भक्तों के सैलाब उमड़ता हैं। पहले यहां एक छोटा सा मंदिर और एक कुटिया हुआ करती थी, लेकिन वर्तमान में यहां माता का भव्य मंदिर और छोटी सी धर्मशाला का निर्माण भी हो चुका है।
मंदिर के इतिहास की बात करे तो सातवीं सदी से पूर्व चंद राजा के साथ पांडेय लोग यहां आए थे। एक दिन मंदिर के पुजारी के सपने में आकर हिंगलादेवी ने दर्शन दिए और यहां पर मंदिर बनाने का आदेश दिया। सपने में माता ने पुजारी को यहां की सबसे ऊंची चोटी पर शक्ति और झुला गडा होने की बात कही। इसके बाद जब पुजारी ने चोटी पर जाकर खुदाई की तो वहां पर देवी का शक्ति स्थल और झुले के अवशेष मिले। इसके बाद पुजारी ने विधि विधान के साथ मंदिर की स्थापना की। इसके बाद से ही इस स्थल को शक्ति स्थल के रूप में पूजा जाने लगा।
कैसे पहुंचें Hingla Devi Temple
यह प्रसिद्ध धार्मिक स्थल चंपावत में स्थित है. चंपावत जाने के लिए नैनीताल के अलावा आसपास के कई शहरों से लग्जरी और सामान्य बसें मिलती है। आप चाहें तो पिथौरागढ़ से भी चंपावत के लिए बस ले सकते हैं। आप ट्रेन से सीधे चंपावत नहीं पहुंच सकते। इसके लिए आपको 74 दूर टनकपुर रेलवे स्टेशन उतरना होगा। यह स्टेशन लखनऊ, शाहजहांपुर और पीलीभीत से कुछ ट्रेनों से जुड़ा हुआ है। टनकपुर से चंपावत के लिए बस या कैब मिलती है। इसके अलावा आप रेल मार्ग से काठगोदाम भी जा सकते हैं और फिर यहां से कैब बुक कर चंपावत पहुंच सकते हैं। चंपावत से निकटतम हवाई अड्डा 80 किलोमीटर दूर पिथौरागढ़ का नैनी सैनी एयरपोर्ट है।
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Web Title hingla-devi-temple-champawat-uttarakhand
(Religious Places from The Himalayan Diary)
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