उत्तराखंड के लैंसडाउन में भगवान शिव को समर्पित ताड़केश्वर महादेव (Tarkeshwar Mahadev) समुद्र तल से 2092 मीटर ऊंचाई पर स्थित है। यह उत्तराखंड राज्य के प्रसिद्ध मंदिरों में से एक है। हिंदू धर्म में आस्था रखने वाले हजारों भक्त हर साल ताड़केश्वर महादेव के दर्शन करने के लिए आते हैं। भक्तों की मान्यता है कि ताड़केश्वर महादेव से मांगी गई हर मन्नत पूरी होती है। हर साल महाशिवरात्रि के त्योहार को यहां बड़े हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है। यह मंदिर बलूत और देवदार के पेड़ों से घिरा हुआ है, जो कि प्रकति की सुंदरता के लिये बहुत ही अच्छा है। मंदिर के आस-पास कई छोटे-छोटे झरने स्थित हैं।
ताड़केश्वर महादेव मंदिर सिध्दपीठों में से एक है। गांव में जब पहली बार सीजन की फसल आती है, तो वह सबसे पहले इस मंदिर में चढ़ाई जाती है। मंदिर में एक पवित्र कुंड भी है। मान्यता है कि यह कुंड देवी लक्ष्मी के द्वारा खोदा गया था। इस कुंड के पवित्र जल का उपयोग शिवलिंग पर चढ़ाने के लिए होता है। ताड़केश्वर महादेव मंदिर के पीछे एक पौराणिक कथा भी प्रचलित है। कथा के अनुसार ताड़कासुर नाम के एक राक्षस को भगवान शिव से अमरता का वरदान प्राप्त था। ताड़कासुर अपने वरदान का दुरुपयोग कर संतों को मारने लगा। ऐसे में संतों ने भगवान शिव से मदद मांगी। इस पर भगवान शिव के पुत्र कार्तिक ने ताड़कासुर का वध कर दिया।
मरने से पहले ताड़कासुर भगवान शिव से प्रार्थना कर माफी मांगने लगा। इस पर भगवान शिव ने यहां पहुंचकर ताड़कासुर को आशीर्वाद दिया कि कलयुग में लोग तुम्हारी भगवान शिव के नाम से पूजा करेंगे। ताड़कासुर के मारे जाने के बाद भगवान शिव ने यहां पर विश्राम किया था। इस दौरान भगवान शिव को गर्मी लग रही थी। यह देखकर माता पार्वती ने देवदार के 7 वृक्षों की उत्पत्ति भगवान शिव को छाया प्रदान करने के लिए की। ताड़केश्वर महादेव मंदिर के प्रांगण में आज भी देवदार के 7 पेड़ मौजूद हैं। ताड़केश्वर का जिक्र रामायण में भी मिलता है। कहा जाता है कि ताड़केश्वर महादेव कभी अपने भक्तों को निराश नहीं करते हैं। जिस भी भक्त की मनोकामना पूरी होती है, वह यहां घंटी चढ़ाते हैं।
कैसे पहुंचें Tarkeshwar Mahadev
इस पवित्र धार्मिक स्थल से लैंसडाउन 38 किलोमीटर दूर है। लैंसडाउन से गुंडलखेत के लिए बस या टैक्सी उपलब्ध है। गुंडलखेत से 1 किलोमीटर की ट्रैकिंग कर आप ताड़केश्वर महादेव धाम पहुंच सकते हो। यहां से नजदीकी हवाई अड्डा 173 किलोमीटर दूर देहरादून में और निकटतम रेलवे स्टेशन 70 किलोमीटर दूर काठगोदाम में है। दोनों ही जगह से लैंसडाउन जाने के लिए बस और टैक्सी मिलती हैं। दिल्ली से लैंसडाउन की दूरी 260 किलोमीटर है। पर्यटक दिल्ली से मेरठ-बिजनौर-नजीबाबाद होते हुए लैंसडाउन पहुंच सकते हैं।
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