हिमाचल प्रदेश को देवताओं की भूमि भी कहा जाता है। माना जाता है कि प्रदेश की भूमि पर देवताओं का वास है। आपको हिमाचल प्रदेश में हर थोड़ी दूरी पर एक धार्मिक स्थल मिल जाएगा। यहां कई ऐतिहासिक और अति प्राचीन धामिक स्थल मौजूद हैं। कई प्रकार के देवी देवताओं के मंदिर इस प्रदेश की पहचान हैं। हिमाचल प्रदेश में हर साल लाखों की संख्या में श्रद्धालु यहां के अलग-अलग धार्मिक स्थलों पर पहुंचते हैं। लोग अपने-अपने देवी देवता का बड़ी ही श्रद्धा के साथ पूजन करते हैं। हिमाचल प्रदेश में जोगिंदरनगर में ऐसा ही एक प्रसिद्द धार्मिक स्थल अवाही नाग मंदिर (Avahi Nag Temple Jogindernagar) है।
अवाही नाग का मंदिर हिमाचल प्रदेश के जोगिंदरनगर से लगभग 20 किलोमीटर की दूरी पर बैजनाथ मोड़ के पास है। क्षेत्र में रहने वाले लोगों की अवाही नाग मंदिर में गहरी आस्था है। यहां बड़ी संख्या में श्रद्धालु नाग देवता के दर्शन करने के लिए पहुंचते हैं। खासकर श्रावण महीने में इस मंदिर का महत्व और भी बढ़ जाता है। दरअसल श्रावण महीने में बड़ी संख्या में कालसर्प दोष से पीड़ित व्यक्ति अवाही नाग मंदिर में दर्शन करने के लिए पहुंचते हैं और यहां विशेष पूजा अर्चना करते हैं।
श्रद्धालुओं का मानना है कि काल सर्प दोष से पीड़ित व्यक्ति अगर अवाही नाग मंदिर में आकर पूजा अर्चना करता है तो उसे इस दोष से मुक्ति मिल जाती है। श्रावण महीने के अलावा प्रत्येक सोमवार व नागपंचमी के दिन भी सर्प दोष से पीड़ित श्रद्धालु इस धार्मिक स्थल पर पहुंचते हैं और यहां चांदी से बना हुआ नाग और नागिन का जोड़ा चढ़ाते हैं। नागपंचमी के दिन अवाही नाग मंदिर में विशेष पूजा की जाती है। इस अवसर पर मंदिर में यज्ञ का आयोजन किया जाता है और स्थानीय व्यापारियों द्वारा मंदिर परिसर में ही भंडारे का आयोजन भी किया जाता है। काल सर्प दोष से मुक्ति के लिए यहां भक्त दूर -दूर से आते हैं।
कैसे पहुंचें Avahi Nag Temple Jogindernagar
आवागमन के तीनों साधनों की मदद से श्रद्धालु आसानी से अवाही नाग मंदिर तक पहुंच सकते हैं। इस प्रसिद्द धार्मिक स्थल से नजदीकी हवाई अड्डा लगभग 50 किलोमीटर दूर भुंतर में है। अवाही नाग मंदिर से निकटतम रेलवे स्टेशन लगभग 20 किलोमीटर दूर बैजनाथ में है। यह छोटी लाइन का स्टेशन है। अवाही नाग मंदिर से नजदीकी ब्रॉडगेज रेलवे स्टेशन लगभग 130 किलोमीटर दूर पठानकोट में है। पठानकोट रेलवे स्टेशन देश प्रमुख शहरों से जुड़ा हुआ है। सड़क मार्ग से भी अवाही नाग मंदिर तक आसानी से पहुंचा जा सकता है। यहां से 20 किलोमीटर दूर स्थित जोगिंदरनगर बसों के माध्यम से प्रदेश के अन्य प्रमुख शहरों से अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है।
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(Religious Places from The Himalayan Diary)
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