भारत और चीन की सीमा के पास उत्तराखंड के बदरीनाथ से लगभग 3 किलोमीटर की दूरी पर माणा गांव में व्यास पोथी नाम की जगह है। यहां पर महाभारत के रचनाकार महर्षि वेद व्यास जी की गुफा (Vyas Gufa Mana) मौजूद है। व्यास गुफा के नजदीक ही गणेश गुफा भी है। मान्यता है कि यह वही गुफा है, जहां पर महर्षि वेद व्यास जी ने महाभारत को बोला था और भगवान गणेश ने उसे लिखा था। हिमालय की सघन वादियों के बीच स्थित इस गुफा में वेद व्यास जी जैसा-जैसा बोलते गए, भगवान गणेश उसे लिखते रहे। इस तरह पवित्र महाकाव्य महाभारत की रचना हुई। श्रद्धालुओं का मानना है कि आज भी वेद व्यास जी और भगवान गणेश इस गुफा में मौजूद हैं।
बदरीनाथ यात्रा पर जाने वाले श्रद्धालु इस स्थान पर आना नहीं भूलते। गणेश गुफा में भगवान गणेश की प्रतिमा स्थापित है। इसकी छत पहाड़ की है। इसकी परिक्रमा पहाड़ से ही की जाती है। व्यास गुफा में व्यास जी का मंदिर बना हुआ है। मंदिर में व्यास जी के साथ उनके पुत्र शुकदेव जी और वल्लभाचार्य की प्रतिमा है। इनके अलावा भगवान विष्णु की एक प्राचीन प्रतिमा भी यहां स्थापित है। इस गुफा में प्रवेश करने पर शांति और आत्मिक सुख की असीम अनुभूति होती है। इस स्थान के एक तरफ भगवान विष्णु का निवास स्थान बद्रीनाथ धाम है जबकि दूसरी तरफ ज्ञान की देवी सरस्वती का नदी रूप में उद्गम स्थल है।
भगवान शिव और माता पार्वती के पुत्र गणेश जी मंगलकर्ता और ज्ञान एवं बुद्धि के देवता माने जाते हैं। ऐसे में जब भी कोई शुभ काम किया जाता है, उससे पहले भगवान गणेश का स्मरण किया जाता है। वेदव्यास जी ने जब महाभारत की रचना करने की सोची, तो उन्होंने न सिर्फ भगवान गणेश का स्मरण किया बल्कि उन्हें महाभारत लिखने के लिए तैयार भी कर लिया। हालांकि इसके लिए भगवान गणेश ने शर्त रखी थी कि आप लगातार कथा सुनाते रहना। अगर आप कहीं भी रुके तो मैं लेखन का कार्य छोड़ दूंगा। कहते हैं व्यास जी ने भी नियम का पालन किया। व्यास गुफा को बाहर से देखकर ऐसा लगता है, मानो कई ग्रंथ एक दूसरे के ऊपर रखे हुए हैं। इसलिए इसे व्यास पोथी भी कहते हैं। अन्य मान्यता के अनुसार पांडव इसी गांव से होकर स्वर्ग गए थे, लेकिन ठंड की वजह से चारों पांडव और द्रौपदी गल गई सिर्फ युधिष्ठिर धर्म और सत्य का पालन करने के कारण ठंड को झेल पाये और सशरीर स्वर्ग पहुंच सके।
कैसे पहुंचें Vyas Gufa Mana
व्यास गुफा बद्रीनाथ से लगभग 3 किलोमीटर की दूरी पर माणा गांव में स्थित है। ऐसे में बद्रीनाथ आने वाले भक्त यहां आसानी से पहुंच सकते हैं। नैशनल हाईवे 58 के जरिए श्रद्धालु हरिद्वार और ऋषिकेश से बद्रीनाथ धाम व फिर आगे माणा गांव तक आसानी से पहुंच सकते हैं। यहां से नजदीकी रेलवे स्टेशन लगभग 320 किलोमीटर दूर हरिद्वार और निकटतम हवाई अड्डा 340 किलोमीटर दूर देहरादून में है।
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Web Title mahabharat-was-written-in-famous-vyas-gufa-of-mana-village-in-uttarakhand
(Religious Places from The Himalayan Diary)
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