कांकुल दर्रे के पास है पवित्र कागभूशुंडी ताल, सबसे पहले यहां सुनाई गई थी रामायण

उत्तराखंड के हिमालयी क्षेत्र में जोशीमठ के पास कांकुल दर्रे से लगभग 4730 मीटर की ऊंचाई पर पवित्र कागभूशुंडी ताल (Kak Bhusundi Taal) है। कागभूशुंडी झील हिमालयी क्षेत्र की सबसे ऊंची झीलों में से एक…

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कांगड़ा में है प्रसिद्ध शक्तिपीठ चामुंडा देवी मंदिर, हर मनोकामना होती है पूरी

हिमाचल प्रदेश को देवताओं की भूमि कहा जाता है क्यों कि यहां कई ऐतिहासिक और पौराणिक महत्व वाले धार्मिक स्थल मौजूद हैं। हम आपको हिमाचल प्रदेश के ऐसे ही एक पवित्र शक्तिपीठ चामुंडा देवी मंदिर…

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औषधीय गुणों से भरपूर है बुरांश के फूल, पहाड़ी इलाकों में बनाई जाती है चटनी

बुरांश को उत्तराखंड के राज्य वृक्ष होने का दर्जा प्राप्त है, वहीं इसे नेपाल का राष्ट्रीय पुष्प भी कहा जाता है। यह एक औषधीय फूल है। जिनका इस्तेमाल दवाई बनाने के लिए भी किया जाता…

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पिथौरागढ़ में है प्रसिद्ध गुरना माता मंदिर, अपने भक्तों की करती हैं रक्षा

उत्तराखंड में पिथौरागढ़ से 13 किलोमीटर की दूरी पर गुरना गांव के नजदीक गुरना माता का प्रसिद्द मंदिर (Gurna Mata Temple) है। इस मंदिर का वास्तविक नाम ‘पाषाण देवी मंदिर’ है, लेकिन गुरना गांव के…

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फिर दिखने लगे स्वर्ग जाने के लिए बनाई गई सीढ़ियों वाले बाथू की लड़ी के मंदिर

देवभूमि हिमाचल के ज्वाली कस्बे के पास स्थित बाथू की लड़ी मंदिर (Bathu Ki Ladi Temple) पोंग डैम का जलस्तर कम होने के कारण एक बार फिर दिखने लगे हैं। मान्यता है कि इन मंदिरों…

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